हम भी इंसान hain
गम में होती है आँखें नम हमारी ,दुःख में हम भी रोते है गमो की चादर बीछा हम तो ही सोते हैं हम भी देखते है सपने और पूरा होने की उम्मीद करते है ये और बात है की हर पल ही ज़िन्दगी की तलाश में रहते है सब भूल चुके है भले ही हमें हमारे अस्तित्व को लेकिन कल उन्हें सोचना होगा की इस दुनिया में हमारा भी है वजूद क्योंकि हम भी इन्सान है