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71 लाख में क्या मिलता है ?

महंगाई की मार से आज न सिर्फ आम जनता परेशां है बल्कि देश के सबसे बड़े अर्थशाष्त्री का तमगा हासिल करने  वाले प्रधानमंत्री के लिए भी पद छोड़ने के बाद रोटी दाल का संकट खड़ा हो सकता है। इसी वजह से प्रधानमंत्री महोदय आजकल बहुत चिंतित है। पिछले नौ सालों में उन्होंने सार्वजनिक मंचों से कई बार इस बात को दोहराया है की गरीबों का दर्द वो समझ सकते है। ये अलग बात है की इस दौरान न गरीबों का दर्द कम हुआ है न ही गरीबी। प्रधानमंत्री जी का मानना है की पैसे पेड़ पर नहीं उगते है। उनके बात में दम भी है क्योंकि अगर पैसे पेड़ पर उगते तो उनके मंत्रियों को घोटाले करने की जरुरत ही नहीं पड़ती। बेचारे नेता पांच साल में झूठ बेईमानी और भ्रष्टाचार के बल पर करोड़ों अरबों का घोटाला करने के बजाय अपने फॉर्म हाउस में कुछ पेड़ ही लगवा लेते। आखिर जमीन की कमी भी नहीं है नेताओं के पास। अकेले वाड्रा साहब ही सभी नेताओं को जमीन उपलब्ध करा देते। वैसे गडकरी साहब भी पेशे से किसान ही हैं सो उनके पास भी थोड़ी बहुत जमीन है जो उन्होंने मेहनत के  बल पर हासिल की है। अब पवार साहब इतने दिन से कृषि मंत्री है तो उनके पास ...