परिवार
ख़ुशनसीब होते हैं जिनका परिवार होता है, सुख-दुःख बांटने वाला घर-संसार होता है मुश्किलें भी हार जाती हैं जंग उस सख्स से, जिसकी दुनिया में माँ का दुलार होता है बचपन गुजारता है जो ममता की छाँव में, दादा की गोद में दादी की दुआओं में छू लेता है वो आसमान की उचाईयों को, जिसकी दुनिया में पिता का प्यार होता है रूठ जाने पर झट से मना लेती है, सारी गलतियाँ हर बार माँ से छुपा लेती है दुखों के भँवर से निकल आता है वो, जिसकी दुनिया में बहन का दुलार होता है यूँ तो लड़ता है हर छोटी बात पर, उपहार में मिले हुए खिलौनों और सौगात पर दुश्मनों के छक्के छुड़ा आता है वो, जिसकी दुनिया में भाई का प्यार होता है अनजान दुनिया से जीवन में आती है, ताउम्र सुख-दुःख में साथ निभाती है तमाम झंझावातों से लड़ लेता है वो, जिसकी दुनिया में पत्नी का प्यार होता है