बारिश की बूँदों को सहेजना जरुरी
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिसकी दिशा एवं दशा दोनों ही मानसून तय करता है | अपेक्षानुरूप बारिश, न सिर्फ कृषि उत्पादन तय करती है अपितु यह भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर डालती है | हमारे यहाँ फसल उत्पादन का तरीका भी मौसम सापेक्ष ही रहा है अर्थात कौन सी फसल कौन से मौसम में उगानी है ? का निर्धारण भी मौसम के अनुसार ही किया गया है | धान जो कि एक मुख्य फसल है, एवं इसका उत्पादन अधिक जल आपूर्ति की माँग करता है, और इस आपूर्ति को कहीं न कहीं बारिश ही पूरी करती है | जलवायु परिवर्तन के कारण विगत कुछ वर्षों में वर्षा-चक्र में बदलाव भी देखने को मिला है जिसकी वजह से मानसून आने में देरी जैसी समस्या का सामना करना पड़ा है | समय से मानसून नहीं आने की वजह से जून-जुलाई के महीने में धान की रोपाई करने को तैयार भारतीय किसान मायूस होता है, साथ ही भारतीय अर्थव्यवस्था भी मायूस होती है क्योंकि इसका असर वार्षिक कृषि-चक्र पर भी पड़ता है | भारत में औसत बारिश होने के बावजूद भी कई राज्य सूखे का दंश झेलने को मजबूर दिखलाई देते हैं तो कुछ राज्य बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं | मानसून...