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मैं उसे भुलाऊं कैसे?

 हँसाने का वादा किया था जिससे आज रुलाऊँ कैसे |  चल रही सांस जिसके एहसास से आज भुलाऊँ कैसे || ये माना बहुत दूर चला गया है मेरे दिल में रहने वाला | आती है बहुत याद उसकी पास अपने मैं बुलाऊँ कैसे || कुछ सौगात उसके मैंने रखे हैं अब तलक संभालकर | आती है खुश्बू जिससे उसकी उन्हें आज जलाऊँ कैसे || वक्त बेवक्त जिसे याद करके नम हो जाती हैं ये आँखें | ख्वाबों में उसके दीदार से नज़रें अपनी चुराउँ कैसे || ख़ुश है अपनी दुनिया में वो मिल जाती है कभी खबर | लौटकर उसकी दुनिया में आज मैं आग लगाऊं कैसे || खुश्क समंदर किनारे बना लिया है 'दीप' आशियाँ हमने | हरी भरी दुनिया में उसके मैं आज फिर से जाऊं कैसे ||