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सितंबर, 2011 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

छपास रोग ( व्यंग्य )

कल मेरे एक छात्र ने मुझसे पूछा कि सर आप किस रोग को सबसे खतरनाक मानते हैं ? मैंने उत्तर दिया , वर्तमान में छपास रोग सबसे खतरनाक है । इसका वायरस जिस तेजी से लोगों को गिरफ्त में ले रहा है इससे आने वाले दिनों में इसके पुरे भारत में फैल जाने कि गंभीर आशंका है । प्रश्न पूछने वाले छात्र के साथ ही अन्य छात्रो के पल्ले भी कुछ नहीं पड़ा । आखिर पड़ता भी कैसे ? उन्होंने स्वाईन्न फ्लू , एड्स , हेपेतायितिस बी जैसी खतरनाक बिमारियों का नाम तो सुना था परन्तु इस रोग के बारे में उनका ज्ञान शून्य था । अभी मै कुछ बोलता कि तभी दुसरे छात्र ने पूछ लिया , सर ! यह रोग किस वायरस से फैलता है ? इसका इलाज क्या है ? इस रोग का लक्षण क्या है ? प्रश्नों कि एक लम्बी श्रंखला ने मेरे माथे पर सिकन ला दिया । मै कुछ देर के लिए शांत हो गया । मुझे शांत देखकर छात्र आपस में ईशारे से यह कहने का प्रयास कर रहे थे कि सर हम लोगों को बेवकूफ बना रहे है । भला ऐसा...

गिरगिटों ने रंग बदलना छोड़ दिया ( व्यंग्य )

अब गिरगिट रंग नहीं बदलते । अरे ! ये क्या ? आप किस सोच में पड़ गए । बचपन से ही सुनते आ रहे थे की इस दुनिया में गिरगिट बहुत तेजी से रंग बदलते हैं । आप गिरगिटों के रंग बदलने वाली बात को इतनी बार सुन चुके होंगे की आप के जेहन में गिरगिटों के रंग बदलने वाली बात एकदम से बैठ गयी होगी । आप में से कई भाई तो उन्हें रंग बदलते देख भी चुके होंगे । कुछ उत्सुकतावश तो कुछ दोस्तों के सामने डींगे भरने के लिए की उन्होंने गिरगिटों को रंग बदलते हुए प्रत्यक्ष देखा है । कुछ के लिए तो यह एक बरी उपलब्धि होगी । बेचारे गिरगिट ! सदियों से इंसान द्वारा दिए जा रहे उलाहनो को सुनने के लिए विवश थे । उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था । उन्हें लगता था की उन्हें नाहक ही परेशां किया जाता है । लेकिन पिछले कुछ दिनों से गिरगिटों ने पूरी तरह से रंग बदलना छोड़ दिया है । अब आप सोच रहे होंगे की उनके यूनियन लीडर ने रंग बदलने के लिए मना किया होगा या ...