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ये वादा रहा

किया है जो वादा निभायेंगे दोस्तों, दरिया के पार एक दिन जायेंगे दोस्तों रोकेगा तूफां जो भी मेरी कश्ती को, हर उस तूफां से हम टकराएंगे दोस्तों  गिरना उठना तो जीवन का दस्तूर है, वक़्त कम है और जाना बहुत दूर है  तोड़ सकेगा न कोई मेरे हौसले को , एक दिन सभी को दिखलायेंगे दोस्तों  ये माना  मेरी मुश्किलें हैं बड़ी, हर मुश्किल से एक दिन पार पायेंगे दोस्तों  तुम करना उस दिन का इंतजार, खुशियों संग घर एक दिन आयेंगे दोस्तों 

काश ! बचपन फिर आ जाता

काश! बचपन फिर आ जाता, दुनिया का  दर्द मैं भूल पाता गिरता , उठता, न घबड़ाता , प्यार से हर कोइ गले लगाता माँ की लोरी नींद दिलाती, बहन प्यार से मुझे गोदी घुमाती बातों-2 में भाई से लड़कर, माँ के आँचल में मैं  छिप जाता हर सुबह पापा घुमने ले जाते, ढेरों मुझे वो तोहफ़े दिलाते दादी का दुलार और नानी का प्यार, मुझे फिर मिल पाता