काश ! बचपन फिर आ जाता

काश! बचपन फिर आ जाता, दुनिया का  दर्द मैं भूल पाता
गिरता , उठता, न घबड़ाता , प्यार से हर कोइ गले लगाता
माँ की लोरी नींद दिलाती, बहन प्यार से मुझे गोदी घुमाती
बातों-2 में भाई से लड़कर, माँ के आँचल में मैं  छिप जाता
हर सुबह पापा घुमने ले जाते, ढेरों मुझे वो तोहफ़े दिलाते
दादी का दुलार और नानी का प्यार, मुझे फिर मिल पाता 

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