उड़ान

 



तूफान कहाँ रोक पाते, हौंसले की उड़ान को |

बादल कहाँ ढक पाते, नीले आसमान को ||

मुश्किलों के पहाड़ से, घबराना न तुम कभी |

मेहनत के हथौड़े से, तोड़ देना हर चट्टान को ||

पाँव के नीचे रेत अगर, कभी फिसलने लगे |

बर्फ बन खुशियाँ कभी, तेज पिघलने लगे ||

जीवन के झंझावातों से, हो अगर सामना |

निराशा के भाव में, खोना न मुस्कान को ||

जिन्दा रखना ख्वाब, लक्ष्य बनाकर आँखों में |

जैसे हो धड़कन कोई, जिन्दा तेरी साँसों में ||

ज़िन्दगी के सफ़र में, आयेंगे ऐसे मोड़ भी |

छीन लेंगे तुमसे ‘दीप’, तुम्हारी पहचान को  ||

बहते रहना नदियों सा, सागर को पाने तुम |

याद रखेगी दुनिया,  तुम्हारे इस मिलान को ||


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छपास रोग ( व्यंग्य )

सूरजकुण्ड मेला : नये सन्दर्भों में परम्परा का ताना- बाना

मूल्यपरक शिक्षा का आधारस्तम्भ है शिक्षक