गंभीर होती पानी की समस्या

विगत दिनों भारत के प्रमुख शहर बेंगलुरु में उत्पन्न जल संकट की भयावह स्थिति ने भविष्य में आने वाले गम्भीर संकट की तरफ लोगों का ध्यान खींचने का कार्य किया | जल संकट की यह भयावह स्थिति लगभग सभी बड़े शहरों में दस्तक दे रही है | पूर्व में चेन्नई जैसे बड़े शहर में गम्भीर जल संकट की स्थिति हम देख चुके हैं जबकि देश की राजधानी दिल्ली में भी विगत कुछ वर्षों से गर्मी के मौसम में पेय-जल संकट जैसी समस्या देखने को मिल रही है | जल की बूँदें न सिर्फ अमृत समान हैं अपितु पृथ्वी पर जीवन की संवाहक भी हैं | जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं | जल न सिर्फ मनुष्य के लिए आवश्यक है अपितु पशु, पक्षी, पेड़, एवं पौधों के अस्तित्व के लिए भी यह अनिवार्य घटक है | ऐसे में जल संरक्षण अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है | पृथ्वी का ७१ प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका होने के बावजूद हम जल संकट का दंश झेलने के लिए विवश हैं क्योंकि पृथ्वी पर उपलब्ध जल का ९७ प्रतिशत हिस्सा समुद्र के खारे जल के रूप में है जबकि स्वच्छ पेय जल की मात्रा मात्र ३ प्रतिशत ही है जिसमें से २.४ प्रतिशत ग्लेशियर के रूप में एवं शेष नदियों के जल एव...