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तलाश

किसी को धूप किसी को छाँव की तलाश है | शहर को भी आज किसी गाँव की तलाश है || कोई थक गया है ज़िन्दगी में भाग-भाग कर | कोई है जिसे एक अदद पाँव की तलाश है || किसी को नींद नहीं है मखमली बिस्तर पर | कोई है जो सो जाता   जमीं पर ही थककर || कोई नींद की तलाश में भटक रहा है आज | किसी खुली नज़र को सपनों की तलाश है || जी रहा है कोई सपनों की दुनिया बसाकर | कोई है जिसके सपने बिखरे गये हैं टूटकर || कोई है जो तन्हाई में जी रहा ज़िन्दगी ‘दीप’ | किसी को भीड़ में भी कारवां की तलाश है ||

विकसित भारत के लक्ष्य के समक्ष जनसंख्या बृद्धि की चुनौती

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2047 तक भारत ने विकसित राष्ट्र का दर्जा प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है, एवं उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरन्तर अग्रसर भी है | विश्व की पाँच आर्थिक शक्तियों में ५ वां स्थान प्राप्त करके भारत ने इस ओर कदम बढ़ा भी दिया है और आगामी कुछ वर्षों में तीसरे स्थान पर पहुँच जाने की उम्मीद भी जताई जा रही है | विकास के कई सूचकांक भारत के पक्ष में दिखलाई देते हैं जिसमें राजनैतिक सशक्तिकरण एवं रक्षा क्षेत्र में उन्नति को देखा जा सकता है | वैश्विक मंच पर भारत को मिल रही सफलताएं एवं उत्तरदायित्व से यह स्पष्ट होता है कि जल्द ही हमारा देश विश्व के अग्रिम पंक्ति में खड़ा होगा | हालाँकि भारत के समक्ष कुछ चुनौतियाँ भी हैं जिनमें सबसे बड़ी चुनौती बढ़ती हुई जनसंख्या के रूप में दिखलाई देती है | किसी भी देश के विकास में वहाँ निवास करने वाली जनसंख्या की सक्रीय सहभागिता महत्वपूर्ण होती है क्योंकि यह न सिर्फ विकास की दिशा एवं दशा तय करती है अपितु उपलब्ध संसाधनों के राष्ट्रहित में उपयोग को भी रेखांकित करती है | उपलब्ध मानव संसाधन के कौशल का तार्किक प्रयोग करके देश को न सिर्फ आर्थिक उन्नति के पथ पर अग्रसर किया जा स...

हाल-ए-वफ़ा

  लवों पे रखते थे हँसी के फूल कभी | न जाने अब क्यूँ मुस्कुराते भी नहीं || बस्तियां थी रौशन जिनके दीदार से | आँगन में चराग वो जलाते भी नहीं || गैरों के दर्द पर मरहम लगाने वाले | दर्द अपना किसी को दिखाते भी नहीं || बावफ़ा निकले वो वफ़ा की राह में | बेवफ़ा के प्यार को भूलाते भी नहीं || जी रहे हैं अश्कों के दरिया किनारे | अश्कों से भीगे नज़र आते भी नहीं || भूली-बिसरी यादें समेटे हुए ‘दीप’ | हाल-ए-वफ़ा अपनी बताते भी नहीं ||