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शैक्षणिक उन्नयन की ओर बढ़ते भारतीय कदम

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  विगत कुछ वर्षों में भारत सरकार ने शिक्षा प्रणाली में कई बदलाव किये हैं जिसका मूल उद्देश्य भारतीय शिक्षा पद्धति को भारतीय मूल्यों से पोषित एवं रोजगारोन्मुखी बनाना है जिससे उपलब्ध मानव संसाधन को वैश्विक अवसरों के योग्य बनाया जा सके | विशेष रूप से, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जो बदलाव किये जा रहे हैं उनके दूरगामी परिणाम प्राप्त हो सकते हैं बशर्ते उच्च शिक्षण संस्थानों का वातावरण शैक्षणिक बदलावों के अनुकूल हो | राष्ट्रीय शिक्षा नीति -2020 ने एक ऐसी शिक्षा व्यवस्था का मार्ग प्रशस्त किया है जिसमें भारत को ज्ञान के केंद्र के रूप में पुनःस्थापित करने के साथ ही जीवंत समाज निर्माण के आधारतत्व निहित हैं | इससे भारतीय शिक्षा व्यवस्था का कायाकल्प होने की उम्मीद जगी है तो वहीं मैकाले पद्धति की शिक्षा व्यवस्था को पीछे छोड़कर भारतीय समाज के अनुकूल एक नई शिक्षा व्यवस्था निर्मित करने का प्रयास दिखलाई देता है | यह शिक्षा पद्धति, भारतीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने की ओर कदम बढ़ाने के साथ ही कौशलयुक्त शिक्षा पर भी जोर देती है जिससे शिक्षा के सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्ष दोनों का लाभ शिक्षार्थी को मिल...

स्वस्थ समाज के लिए आवश्यक है कुटुंब प्रबोधन

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  विगत दिनों काशी के एक बृद्धाश्रम में ख्यातिलब्ध लेखक एस एन खंडेलवाल की मृत्यु हो गई, जिनके अंतिम संस्कार में उनके बच्चों ने आने से मना कर दिया | करोड़ों की सम्पत्ति के मालिक रहे खंडेलवाल की बृद्धाश्रम तक की यात्रा, एवं बेटे के रहते हुए मृत्यु पश्चात् सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर द्वारा मुखाग्नि देना, भारतीय मूल्यों पर पड़ने वाली वह चोट है जो न सिर्फ हमारी सामाजिक मान्यताओं को दरका रहा है अपितु कुटुंब प्रबोधन की आवश्यकता को भी रेखांकित कर रहा है | परिवार में संवाद की प्रक्रिया ही परिवार को जोड़ने का कार्य करती है | जैसे ही यह प्रक्रिया बाधित होती है, परिवार की एकता कमजोर होने लगती है, और अंततः परिवार नामक संस्था प्राणविहीन सी हो जाती है | शहरीकरण ने पहले ही परिवार नामक संस्था को एकल स्वरुप देकर कमजोर करने का प्रयास किया है जिससे हमारे देश में संयुक्त परिवारों की संख्या निरंतर घटी है | संयुक्त परिवार की संकल्पना भारतीय समाज की सहगामी रही है, एवं एकत्व के सूत्र की संवाहक भी | संयुक्त परिवार सदियों से भारतीय समाज को एकता के सूत्र में बाँधने का कार्य करता रहा है | परन्तु विगत कुछ वर्षों स...