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न्यायिक सुधारों की धीमी रफ़्तार से न्याय-व्यवस्था बीमार

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  किसी भी देश में लोकतांत्रिक मूल्यों को जिंदा रखने में उस देश की न्यायपालिका महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | न्यायपालिका का सुदृढ़ होना न सिर्फ लोकतंत्र के लिए आवश्यक है अपितु देश को किसी भी अराजक स्थिति से बचाने में यह रक्षा कवच के रूप में कार्य करती है | सशक्त से अशक्त को न्याय दिलाने वाली न्यायपालिका का स्थान लोकतंत्र में काफी ऊँचा है, परन्तु न्याय की उम्मीद लिये आम जनमानस की इस अंतिम शरणस्थली में मिलने वाली प्रत्येक अगली तारीख पीड़ित की वेदना को बढ़ाने का कार्य करती है, और समय बीतने के साथ यह वेदना पीड़ित के न्यायपालिका में विश्वास का ह्रास करती जाती है | न्याय मिलने की धीमी प्रक्रिया से न सिर्फ पीड़ित व्यक्ति का मनोबल टूटता है अपितु वह आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से भी कमजोर होता जाता है | तारीख पर तारीख झेलने वाले अनगिनत मुकदमों में फैसला तब आता है जब उस फैसले का कोई औचित्य नहीं रह जाता है क्योंकि इस दौरान पीड़ित व्यक्ति सामाजिक, आर्थिक, एवं शारीरिक दुर्दशा की उस पीड़ा को झेलने को विवश होता है जो न्याय मिलने के बाद भी समाप्त नहीं होती है | न्याय के लिए साक्ष्य आवश्यक है, साक्ष्य क...

आज फिर

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चलो आज फिर पुरानी बात करते हैं  | धूल में लिपटी किताबें साफ करते हैं  || कुछ पन्नों को पलटते हैं आज फिर  | अपने अतीत से  मुलाकात करते हैं  || बहा लेते हैं आज अश्कों के समंदर  | छुपा रखे हैं जिन्हें पलकों के अंदर  || गिले शिकवे मिटा लग जाते हैं गले  | साथ चले हुए कदम याद करते हैं   || मिटा देते हैं ज़ख्मों के निशान सभी  | वक्त ने लगाया था जो दिल पे कभी  || बसाते हैं फिर से सपनों का आशियाँ | रौशन मिलकर उसे साथ करते हैं  || छोड़ देते हैं हम तन्हाईयों के साथ को | भूला देते हैं रुसवाईयों की हर बात को || मिलकर सँजोते हैं कुछ नये ख्वाब हम | रंग भरते हैं खुशियों के साथ साथ हम || चाँद को छूने निकलते हैं आज 'दीप' | सफर जिंदगी का हम साथ करते हैं ||