सेवा फोबिया (व्यंग्य )
आजकल समाज सेवा रूपी फोबिया खूब देखने को मिल रही है । नेता हो या परेता , माफिया हो या डॉक्टर हो , वकील या फिर कोई व्यापारी । अधिसंख्य लोग इस रोग से पीड़ित नजर आते है । नेताओं में तो चुनाव आते ही यह रोग अचानक बढ़ जाता है और वे इस मर्ज की दवा के लिए इधर उधर भटकना शुरू कर देते है । इस कार्य के लिए उनके चमचे दिन रात मेहनत करते है और कहीं न कहीं नेताजी के मर्ज की दवा खोज ही लेते है । अब आप ही बताइए , भारत में भूखे नंगो अथवा जरूरतमंद व्यक्ति को खोजना कठिन है क्या ? सो नेताजी किसी न किसी बहाने कभी कम्बल बांटकर तो कभी साईकिल या फिर साडी बांटकर अपना रोग दूर कर लेते है । उत्तर प्रदेश में कई नेता सेवा फोबिया के गिरफ्त में आ चुके है । सेवा फोबिया का यह रोग अब तो चुनाव बाद ही ठीक होगा । हाल फिल हाल में भाई लोग भी इस वायरस के चपेट में आ चुके है । सेवा फोबिया का वाइरस इतना तगड़ा है की जब भी इससे संक्रमित व्यक...