कुछ बदला बदला सा है..
मौसम बदला, जीवन बदला, बदल गया संसार |
आई जबसे एक
बिमारी, बदल दिया व्यापार ||
रहन-सहन व
दर्शन बदला, बदल गये विचार |
सातों दिन एक हैं लगते, जैसे होता था इतवार ||
करते थे संग मस्ती
जिनके, दोस्त व यार भी बदले |
बिन बुलाये
आने वाले, अब तो रिश्तेदार भी बदले ||
पास-पड़ोस की
ताका झांकी, अब कुछ रहा न बाकी |
फीके लगते हैं
मुझको, अब सारे त्यौहार भी बदले ||
स्विगी,
ज़ोमैटो और अमेजान, बन गई अपनी दुकान |
तरह-तरह के
व्यंजन हैं मिलते, मिल जाता हर सामान ||
दादी के
मोबाइल में अब तो, उपलब्ध हैं एप्प ये सारे |
जिनको अच्छे
लगते थे केवल, घर के ही सब पकवान ||
माँ का किचन
बदला, दादी का शासन भी बदला |
पापा बन गये
अब दोस्त, उनका अनुशासन बदला ||
देती थी जो सजा
अनूठी, डाँटने वाली मैडम बदली |
मोबाइल पर रोक
नहीं, सख्त स्कूल-प्रशासन बदला ||
ऑनलाइन लॉग-इन
कर, जब मन हुआ सो जाते हैं |
टेक्निकल
प्रॉब्लम का बहाना, जब चाहें हम बनाते हैं ||
मोबाइल पास
होने पर, कर देते थे जो क्लास से बाहर |
वही अध्यापक
आज हमें, मोबाइल पर ही पढ़ाते हैं ||
झपकी की
गुंजाईश नहीं थी, बदल गयी वो क्लास |
मैडम देख
लेंगी बेंच पर सोते, बदल गया एहसास ||
परीक्षा की
परिभाषा बदली, परीक्षार्थियों की भाषा बदली |
होता था फेल वर्षों
से जो, डिक्टेंशन से हुआ है पास ||
मन्त्री बदले संत्री बदले, बदल गये उनके व्यवहार |
नेताजी से तेज
वैरिएंट बदले, मचाये खूब हाहाकार ||
चुनावी
रैलियों से पहले, कोविड प्रोटोकाल भी बदले |
प्रजातंत्र बचाने
के लिए, देश में होते रहे चुनाव प्रचार ||
सोच रहे ‘मी
लार्ड’ को ‘स्वतः संज्ञान’ याद दिला दें |
कुल्लू मनाली
घूम हैं आये, ‘दीप’ उनको बात बता दें ||
कोरोना मिटाने
के सुझाव, चुनाव आयोग को भेजवा दें |
पल में मिल
जायेगा छुटकारा, सारे चुनाव साथ करा दें ||
Nice
जवाब देंहटाएंtrue lines🙏👌
जवाब देंहटाएंWah beautiful poetry
जवाब देंहटाएंसुनील जी आप ने अपनी कविता के माध्यम से सच्चाई को बताया बड़े ही सरल तरीके से बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंबेहतरीन 👌... यथार्थ... भईया 🙏🏻
जवाब देंहटाएंप्रासंगिक
जवाब देंहटाएंVery nice
जवाब देंहटाएंवर्तमान काल एवम वास्तिवकता का संपूर्ण चित्रण। कविवर की जय हो।
जवाब देंहटाएं👌
जवाब देंहटाएंSir ji 💯💯💯🔥🔥🔥🔥😍😍
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