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उड़ान

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  तूफान कहाँ रोक पाते, हौंसले की उड़ान को | बादल कहाँ ढक पाते, नीले आसमान को || मुश्किलों के पहाड़ से, घबराना न तुम कभी | मेहनत के हथौड़े से, तोड़ देना हर चट्टान को || पाँव के नीचे रेत अगर, कभी फिसलने लगे | बर्फ बन खुशियाँ कभी, तेज पिघलने लगे || जीवन के झंझावातों से, हो अगर सामना | निराशा के भाव में, खोना न मुस्कान को || जिन्दा रखना ख्वाब, लक्ष्य बनाकर आँखों में | जैसे हो धड़कन कोई, जिन्दा तेरी साँसों में || ज़िन्दगी के सफ़र में, आयेंगे ऐसे मोड़ भी | छीन लेंगे तुमसे ‘दीप’, तुम्हारी पहचान को   || बहते रहना नदियों सा, सागर को पाने तुम | याद रखेगी दुनिया,   तुम्हारे इस मिलान को ||

जनसंख्या की रफ़्तार घटे तो बात बने

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  भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से 7 वां स्थान रखने वाला भारत आज दुनिया का सर्वाधिक जनसँख्या वाला देश बन चुका है | विश्व का हर छठां व्यक्ति भारतीय है जो हमें गर्वान्वित करने का अवसर देता है क्योंकि मानव संसाधन के रूप में हमारे पास एक ऐसी पूंजी है जो हमें विश्व के अन्य विकासशील देशों से अलग करती है विशेष रूप से सर्वाधिक युवा प्रतिनिधित्व एक सुखद एवं समृद्ध भविष्य का संकेत देता है | पड़ोसी देश चीन की तुलना में हमारे पास अधिक युवा शक्ति है जो विकसित भारत के रथ को गति प्रदान कर सकती है | हालाँकि वर्तमान समय में कौशल एवं तकनीकि दृष्टि से उपलब्ध भारतीय मानव संसाधन वैश्विक बाजार में उपलब्ध अवसरों को अपने पक्ष में कर पायेगा, संदेह पैदा करता है | इसके पीछे तेजी से बढ़ती जनसंख्या एवं उपलब्ध संसाधनों के बीच लगातार बढ़ रही असमानता को स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है | रोजगार सृजन के सभी प्रयास जनसंख्या बृद्धि के समक्ष अत्यंत कम पड़ रहे हैं जिससे उपलब्ध मानव संसाधन की सक्रीय सहभागिता सुनिश्चित करना कठिन होता जा रहा है | सरकार जब तक 1 करोड़ रोजगार सृजित करती है, जनसंख्या 10 करोड़ अथवा उससे अधिक बढ़ जाती ...

सिसकता मंजर

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  ख़ुश्क समंदर ने सींचा है शज़र कोई | रेत पर बना आया है जैसे घर कोई   || प्यार की कश्ती कोई डूबी है आज   | इकरार ए मुहब्बत से गया मुकर कोई || गुस्ताख़ हवाओं का सितम देखिये   | तिनका-२ सा गया है बिखर कोई || सहमा सा गुमसुम छुप रहा कोने में | ख़ुद की परछाई से जैसे है डर कोई   || बेइंतहां दर्द है उसकी सिसकियों में   | दर्द ए दरिया में आया हो भंवर कोई || अश्कों से नहाकर ‘दीप’ लौटा है वो | सिसकता दिखा है फिर मंजर कोई ||