यमलोक में उलटफेर (व्यंग्य )

यमलोक की संसद में आज एक ऐतिहासिक फैसला लिया गया . लम्बे समय से जिस आरक्षण की मांग की जा रही थी , उसे संसद के दोनों सदनों में बहुमत से पास करा लिया गया . इस फैसले से चित्रगुप्त जहाँ काफी खुश दिखे वहीँ यमराज के चेहरे की हवाइयां उडी हुई थी . सबसे ज्यादा ख़ुशी जल्लादों को है , अब उन्हें भी यमराज और चित्रगुप्त जैसी सुविधाए मिलेंगी . इस फैसले से यमलोक में भारी फेरबदल की संभावना है . वैसे तो यमराज की कुर्सी पर चित्रगुप्त की नजर काफी पहले से थी, और समय -समय पर वो इसके लिए षड़यंत्र भी करते नजर आ रहे थे . परन्तु इस बार इस फैसले के पीछे इन्द्र का हाथ बताया जा रहा है . विश्वस्त सूत्रों के अनुसार जबसे नरक में भारतीय नेताओं की संख्या बढ़ रही थी तभी से इन्द्र स्वर्गलोक से नरकलोक में जाने के लिए जोड़ - तोड़ में लगे हुए थे . इधर कुछ वर्षों से लाखों अरबों डकार लेने वाले नेताओं का नरक लोक में ताँता लग गया था जबकि इन्द्रलोक में जाने वालों में कुछ इमानदार और समाजसेवी टाइप के लोग ही पहुच प् रहे थे . इस वजह से स्वर्गलोक का बजट बिगड़ गया था और वहां के कर्मचारियों को खाने के लाले पड़  गये थे . पुरे स्वर्गलोक के सामने भारी वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया था . इधर इंडिया में हो रहे घोटालों पर भी इन्द्र कड़ी नजर रख रहे थे और अपने जासूसों को विभिन्न पार्टियों में शामिल करा दिया था . 2 जी स्पेक्ट्रम, कोयला घोटाला आदि से होने वाली मोटी कमाई ने इन्द्र की नियत बदल दिया था . उन्हें पूरा विश्वास था की इन घोटालों को अंजाम देने वाले नेता नरक में ही जायेंगे और वित्तीय संकट से जूझ रहे स्वर्गलोक का अस्तित्व संकट में पड़ जायेगा। स्वर्गलोक के मंत्रियों को भी स्वर्ग रास नहीं आ रहा था . पेट्रोल की बढती कीमतों से एक तरफ उनकी लक्जरी गाड़ियों का खर्चा निकलना मुश्किल हो गया था वही चारा घोटाले में संलिप्त नेताओं के एक -एक कर नरक में पहुचने से नरक के मंत्रियों की ठाट भी उनसे हजम नहीं हो रही थी . धरती से जाने वाली तारिकाएँ भी नरक लोक ही जाना पसंद करने लगी थी जिससे इन्द्र और ज्यादा परेशां थे . स्वर्गलोक में जहाँ अप्सराओं के पास मेकप का सामान भी नहीं रह गया था वही नरकलोक में भ्रष्ट मंत्री हर रोज ब्रांडेड सामान तारिकाओं को उपलब्ध करा रहे थे . नरकलोक में उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं को देखते हुए इन्द्र की अप्सराएँ भी स्वर्गलोक से नरकलोक में शिफ्ट करने की जिद पकड़ ली थी . कुल मिलकर इन्द्र असहाय हो गये थे और उनके सामने नरकलोक हथियाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था . विशेषज्ञ मान रहे हैं की आरक्षण लागू करवा कर इन्द्र ने यमराज को कमजोर कर दिया है और अब वो कभी भी नरकलोक से उन्हें बेदखल करवा सकते हैं . इसके लिए इन्द्र चित्रगुप्त को मोहरा बना रहे हैं . इन्द्र खेमे में सिर्फ चिंता इस बात की है की कहीं भारत से पहुचने वाला कोई नेता उनसे पहले ही नरकलोक की सत्ता न हथिया ले , इस चुनौती से निपटने के लिए इन्द्र के कुछ मंत्री लगातार भारतीय नेताओं के संपर्क में हैं . 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छपास रोग ( व्यंग्य )

सूरजकुण्ड मेला : नये सन्दर्भों में परम्परा का ताना- बाना

मूल्यपरक शिक्षा का आधारस्तम्भ है शिक्षक