हम भक्तन के, भक्त हमारे
हमारे देश में भक्तों की कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं । इनमें से कई का अस्तित्व सदियों पुराना है तो कई हाल ही में विकसित हुई हैं । कुछ एक प्रजाति के अस्तित्व का पता लगाना बेहद ही कठिन है क्योंकि इस प्रजाति के भक्त केंचुए की तरह छिपे होते हैं और अनुकूल बरसात होते ही अवतरित हो जाते हैं । ऐसे भक्तों को न भगवान से मतलब होता है और न ही धर्म गुरुओं से । प्राचीन काल वाले भक्तों की संख्या लगभग नगण्य हो चुकी है, ऐसे भक्त भगवान के भक्त कहलाते हैं । फिलहाल ये हिमालय की गुफाओं में मृतप्राय स्थिति में पाये जा सकते हैं । ऐसे भक्तों को या तो भगवान अपने पास बुला चुके हैं या फिर इस प्रजाति का अस्तित्व बनाये रखने के लिए कुछेक को धरती पर रखे हुए हैं । इस श्रेणी के भक्तों के लिए भगवान की भक्ति ही सबकुछ होती है । भगवान अपने भक्तों के हर दुःख दर्द को अपना समझते हैं । इस श्रेणी के भक्त अपने भगवान से निःस्वार्थ प्रेम करते हैं और भगवान भी अपने भक्त का हमेशा ध्यान रखते हैं । हाल ही में नासा ने ऐसे भक्तों की खोज के लिए अपनी एक टीम का ऐलान किया है जो यह पता लगाएगी की प्रतिकूल वातावरण होते हुए भी इस ...