मेरी कमीज़ ज्यादा सफ़ेद


                                                       
सफ़ेद रंग प्रकृति का सबसे प्रिय रंग है क्योंकि इसमें सभी रंगों को समाहित करने का गुण होता है यह इन्द्रधनुषी सभी रंगों को ऐसे समेट लेता है जैसे सागर नदियों के जल को प्रकृति के बाद यह रंग सबसे ज्यादा भारतीय नेताओं को पसन्द है  इसीलिए अक्सर नेता जी काले को सफ़ेद करने में लगे रहते हैं और काले को सफ़ेद करने का खेल जीवन भर जारी रहता है नेता जी के कपड़े तो मानों सफ़ेदी का प्रतिनिधित्व करते हैं और नेता जी इस रंग के ब्राण्ड अम्बेसडर होते हैं क्या मजाल भ्रष्टाचार की कोई दाग नजर आ जाए ? अब रिन की सफ़ेदी हो या सर्फ़ एक्सेल की, नेता जी की कमीज हमेशा चमकती रहती है अब आप कहेंगे कि इसमें बुरा क्या है? सफ़ेद कमीज़ तो चमकेगी ही रही बात नेता जी की तो वो हमेशा ध्यान रखते हैं कि उनकी कमीज की सफ़ेदी में भ्रष्टाचार की दाग छिप जाए आखिर इसके लिए उनको कितनी मेहनत करनी होती होगी
अब नेता जी यानि अपने मुलायम सिंह जी को ही ले लीजिये अब भी उनकी कमीज की सफ़ेदी का मुकाबला शायद ही कोई कर सकता है क्या फर्क पड़ता है कि सी बी आई कई साल से उनके कमीज पर लगे दाग खोज रही है सी बी आई को सोचना चाहिए की एक मास्टर आदमी के पास कुछ सौ करोड़ रूपये आ गये तो वह गुनाहगार थोड़े हो जाता सिर्फ विपक्ष के आरोप को सही मानकर यह एजेंसी नाहक ही उनपर शक करती है मैं तो कहूँगा की मुलायम सिंह जी ने न सिर्फ अपनी कमीज सफ़ेद रखी है बल्कि अपने पुरे कुनबे को सफ़ेद कमीज़ पहना रखा है अब यादव सिंह के घोटालों के लिए पुरे इटावा और सैफई की कमीज़ तो गन्दी नहीं ठहराई जा सकती? अब आप सोच रहे होंगे कि शिवपाल जी और आज़म साहब भी तो अपनी सफ़ेद कमीज़ का राग़ अलापते फिरते हैं आज़म साहब तो इतना तक कह चुके हैं कि जिस दिन उनकी कमीज़ सतीशचन्द्र मिश्रा जी की कमीज़ से कम सफ़ेद दिखेगी उस दिन वो राजनीति छोड़ देंगे बहुत कम लोगों को पता होगा कि आज़म साहब वक्फ़ बोर्ड की जमीन पर कमीज़ को सफ़ेद रखने वाले सर्फ़ की फैक्ट्री लगाना चाहते हैं और इसके लिए वो अपने विश्वविद्यालय में बकायदा कोर्स भी चलाने वाले हैं अपने नसीम भाई की सफ़ेद कमीज़ देखकर बहन जी से ही नहीं रहा गया और उन्होंने उनकी कमीज़ पर दाग लगाने की नाकाम कोशिश कर डाली परन्तु भाई जान यह बताने में सफल रहे कि उनकी कमीज़ अन्य नेताओं से ज्यादा सफ़ेद है आजकल उत्तर प्रदेश की वर्तमान सरकार भी पूर्वर्ती सरकारों की तरह अपनी कमीज को सबसे अधिक सफ़ेद बताते हुए दिखती है
अब सफ़ेद कमीज़ की बात हो और चारा घोटाले की दाग लगी लालू जी की कमीज़ की बात न की जाय तो बहुत नाइंसाफ़ी होगी लालू जी ने अपनी कमीज़ सफ़ेद रखने के लिए न सिर्फ नितीश जी से हाथ मिलाया है बल्कि हर मंच से यह बताने का प्रयास कर रहे हैं कि उनकी कमीज़ पर बी जे पी वाले साजिश के तहत कीचड़ लगाने का प्रयास कर रहे हैं  साथ ही साथ उनके मंत्री बेटों की सफ़ेद कमीज़ से भी मोदी जी की पार्टी को जलन है अब भला कुछ दिन जेल जाने से सफ़ेद कमीज़ पर दाग तो लग नहीं जाते  और तो और बेटे, बेटी एवं दामाद ने अगर कुछ हजार करोड़ कमा लिए तो सुशील मोदी जी क्यों पीछे पड़े हुए हैं अब लालू जी ठहरे ईमानदार नेता उन्होंने भले ही पशुओं के चारे पर हाथ साफ किया हो परन्तु इन्सानों पर कभी इस प्रकार का अत्याचार नहीं किया उनका आज भी यह दावा है कि बिहार में उनकी कमीज़ सबसे ज्यादा सफ़ेद है
वर्षों तक पश्चिम बंगाल में सत्तासीन रही वामपंथी सरकार से ज्यादा सफ़ेद कमीज़ प्रयोग में लाने का दावा करने वाली तृणमूल कांग्रेस आजकल यह साबित करने में लगी है कि पिछली सरकार से वह बेहतर काम कर रही है अब शारदा और रोज वैली जैसे कई घोटालों की दाग को अपने दामन में छुपाकर दीदी हर जगह अपनी पार्टी के कुछ नेताओं की कमीज़ को ज्यादा सफ़ेद बताने में जुटी हुई हैं दीदी को शायद पता नहीं कि चिटफंड घोटालों की दाग लगी कुछ नेताओं की कमीज़ को दागमुक्त बताकर वो जनमानस में अपनी विश्वसनीयता कम कर रही हैं इससे करात साहब की पार्टी को दुबारा सफ़ेदी कम्पटीशन में हिस्सा लेने का मौका मिल गया है और वो कहते पाये गये हैं कि उनकी कमीज़ ज्यादा सफ़ेद है दिल्ली सरकार की सफ़ेद कमीज़ तो जग विख्यात है वो है न कि ‘लोग परेशान करते रहे हम काम करते रहे’ इसी सफ़ेद कमीज़ की ओर इशारा करता है केजरीवाल साहब का दावा है कि पुरे भारत में उनसे ज्यादा सफ़ेद कमीज़ किसी की नहीं है उन्होंने बकायदा विज्ञापन देकर बताने का प्रयास किया है कि पिछली सरकारों की तुलना में किस तरह उनकी कमीज अधिक सफ़ेद है अब अलग बात है कि उन्हीं के क़रीबी रहे मिश्रा जी उनकी सफ़ेद कमीज़ में छुपे दाग को सबके सामने लाने पर तुले हुए हैं अब ये क्या बात हुई? जो दाग सी बी आई और ए सी बी नहीं खोज सकी उसे मिश्रा जी जग जाहिर करने पर आमादा हैं
अब केंद्र सरकार को ही ले लीजिये वर्तमान सरकार का यह दावा है कि उसने भ्रष्टाचार के दाग से अपनी सफ़ेद कमीज़ को दूर रखा हुआ है इस प्रकार से इनकी कमीज़ की सफ़ेदी सबसे ज्यादा है जबकि पिछली सरकार की कमीज़ कोयले के कालिख़ से पुती हुई थी वर्तमान सरकार के सभी मंत्री कोयले से परहेज करते नज़र आते हैं अब बात यह है कि जो भी सरकार सत्ता में होती है वह पूरी ऊर्जा इस बात को साबित करने में लगा देती है कि उसकी कमीज़ पिछली सरकार से ज्यादा सफ़ेद है मसलन पिछली सरकार में घोटाले, लूट, हत्या, चोरी जैसे अनेक अपराध से पिछली सरकार की कमीज़ गन्दी हो गयी थी जबकि हमारी सरकार में ऐसा नहीं है   आखिर क्यों विपक्ष में बैठकर ही सफ़ेद कमीज़ में लगे सारे दाग दिखने लगते हैं ? जबकि वही पार्टी जब सत्ता में आती है तो साबित करने में लग जाती है कि उसकी कमीज़ ज्यादा सफ़ेद है


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