मैं केजरीवाल बोल रहा हूँ… ( व्यंग्य )


( मनीष जी केजरीवाल जी से मिलने उनके घर पर आते हैं, दिल्ली के हालात पर दोनों के बीच काफी देर तक चर्चा होती है | प्रस्तुत है दोनों के बीच हुई बातचीत का मुख्य अंश…)

मनीष- क्या हुआ भाई ? आप इतने परेशान क्यों दिख रहे हो ?

केजरीवाल- क्या बताऊँ मनीष ? दिल्ली की जनता हमारी असलियत जान चुकी है | जब भी फोन करता हूँ, उल्टा ही सुनाती है.. वादाखिलाफी करने का आरोप वो लगाती है | पता नहीं उनको भड़का रहा है कौन ?

मनीष- आप चिंता न करो भाई.. आप फिर से फ़ोन लगाओ.. देखता हूँ मैं उठाता है कौन ?

केजरीवाल- फिर से फ़ोन लगाते हैं…. रिंग बजती है.. दूसरी तरफ से एक महिला फ़ोन उठाती है…

महिला- हैल्लो कौन ?

केजरीवाल- अरे हम बोल रहे हैं |

महिला- कौन ? किससे बात करनी है ?

केजरीवाल – मुझे नहीं जानती ?

महिला- नहीं जानती..

केजरीवाल- मुझे नहीं पहचानती ?

महिला- बोला न.. नहीं पहचानती.. आइन्दा इस नम्बर पर फोन नहीं करना..कहकर फ़ोन कट कर देती है |

मनीष- भाई ये तो पोपट हो गया.. मात्र ५ महीनों में ही लोग आपकी आवाज तक भूल गये..लगता है जनता आपसे नाराज है |

केजरीवाल- ऐसी बात नहीं.. जनता विश्वास करती है, मेरे एक इशारे पर वोट मुझे करती है |

मनीष- ऐसी बात है तो लगा लो फिर से फ़ोन | देखता हूँ मैं भी उठाता है कौन ?

केजरीवाल जी फिर से फोन लगाते हैं.. गलती से फ़ोन इस बार कुमार विश्वास के घर लग जाता है..

कुमार विश्वास- हैल्लो कौन ?

केजरीवाल- हम बोल रहे हैं..

कुमार विश्वास आवाज पहचान जाते हैं, फिर भी अनजान बने रहते…

कुमार विश्वास- हम कौन ? नाम पता है कोई ? किससे बात करनी है ?

केजरीवाल – दिल्ली की जनता से मुझे बात करनी है, कोरोना से मिलकर एक लड़ाई लड़नी है..दिन रात लगे हैं बिमारी को मिटाने में, दिल्ली को एक अव्वल राज्य बनाने में |

कुमार विश्वास- अच्छा.. और |

केजरीवाल- धन्यवाद आपका जो आपने हमें जिताया है..दिल्ली को सुरक्षित हाथों में पहुँचाया है.. होता न मैं तो हालात क्या हो जाते, दिल्ली के लोग डर से मर जाते | कोरोना से बचाने को फोन किया है..

कुमार विश्वास- मुझसे ज्यादा आपको कोई नहीं समझता है, यह तो प्रचार का आपका पुराना रास्ता है | क्रेडिट हर काम की आप ले लेते हो, जैसे ही फुर्सत मिली कान्फ्रेंस कर लेते हो | वैसे आपने फ़ोन विश्वास को लगाया है, किनारे बड़े प्यार से जिसको लगाया है |

केजरीवाल- हैल्लो कौन ! रॉंग नंबर कहकर फ़ोन कट कर देते हैं..

मनीष- भाई अभी-अभी खबर मिली है कि गृहमंत्री ने कोरोना के इलाज के लिए दिल्ली में १० हजार बेड की व्यवस्था की है, जल्दी चलो वहाँ | मीडिया पहुँच रही है.. लौटकर आपको प्रेस कान्फ्रेंस भी करनी है..आखिर दिल्ली को हमें बचाना भी तो है..

केजरीवाल- ठीक कह रहे हो आप | संजय को भी वहीं बुला लो | एक बात और.. अपने मीडिया के साथियों को भी वहीं बुला लेना | आजकल दिन रात मेहनत करनी पड़ रही |

मनीष- ठीक कहते हो भाई.. आप हो तो दिल्ली सुरक्षित है..

(अगले पल दोनों राधा स्वामी सत्संग स्थल की ओर चले जाते हैं )

 


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