आजादी पर्व

 

आओ सब मिलकर हम, आजादी पर्व मनायें |

हर चौखट पर खुशियों के, दीपक एक जलायें ||

वीर शहीदों की वो कुर्बानी, सार्थक हम बनायें |

आओ मिलकर आज तिरंगा ऊँचा हम फहरायें ||

 

कल को याद करें हम, कल की याद दिलायें |

शान तिरंगे की खातिर, हम हँस के मर जायें ||  

हों साकार सपने, भगत सिंह और आजाद के |

तुम छेड़ो कोई तराने, कोई गीत हम गुनगुनायें ||

 

लाखों शहीद हुए थे, इस तिरंगे को लहराने में |

आजाद हिन्द के नभ में, राष्ट्र-गौरव फहराने में ||

दें श्रद्धांजलि वीरों को हम, उत्सव आज मनायें |

भ्रष्टाचार के दीमक को हम, जड़ से आज मिटायें ||

 

छू न सके कोई बाबर, भारत माँ के आँचल को |

कर न सके कब्जा कोई, माँ भारती के धरातल को ||

ऊँच-नीच का भेद मिटा, हम रामराज्य फिर लायें |

अखण्ड भारत की विजय पताका, हम सब फहरायें ||

 

 

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