समावेशी बजट से विकसित भारत के लक्ष्य को साधने का प्रयास


 

विगत कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है जिससे यह उम्मीद जगी है कि आगामी कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व के तीन अग्रणी देशों में स्थान बना लेगी | मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में प्रस्तुत पूर्ण बजट भी आर्थिक सुधारों की पटकथा लिखने का प्रयास है जिसमें मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के साथ ही कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव का ताना-बाना बुनने का प्रयास किया गया है | इस बजट में एक तरफ तो तकनीकी, कौशल, एवं नवाचारों से जुड़ी कई योजनाओं को सम्मिलित किया गया है तो वहीं सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को भी महत्त्व दिया गया है | बजट में मध्यमवर्गीय करदाताओं को राहत देकर सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्र निर्माण में योगदान देने वाले इस वर्ग को महंगाई के इस दौर में राहत आवश्यक है, और यह तभी संभव है जब मध्यम वर्ग आर्थिक रूप से मजबूत हो | वर्तमान महंगाई दर का दंश झेलने वाले मध्यमवर्ग के चेहरे पर मुस्कान लाकर सरकार ने आगामी चुनावों में भी बढ़त हासिल करने की ओर कदम बढ़ा दिया है क्योंकि इस बजट ने मध्यम वर्ग को संजीवनी देने का कार्य किया है | भारतीय अर्थव्यवस्था का भार ढोने वाले मध्यमवर्गीय जनता को प्रत्यक्ष कर में राहत प्रदान कर सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि समग्र विकास प्रक्रिया में इस वर्ग को भी जोड़ा जा सके क्योंकि पिछले कुछ बजट में निम्न वर्ग के लिए तो कई योजनाएं थीं परन्तु मध्यमवर्ग को विशेष राहत नहीं मिल सकी थी जिससे यह वर्ग उपेक्षित महसुस कर रहा था | प्रस्तुत बजट के अनुसार अब 12 लाख की वार्षिक आय वाले व्यक्ति को अब टैक्स नहीं देना होगा जबकि 18 लाख वार्षिक आय वाले व्यक्ति को 70 हजार की बचत, एवं 25 लाख तक की आय वाले व्यक्ति को 1 लाख 10 हजार की बचत का मार्ग प्रशस्त करके सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को आकर्षित करने का सार्थक प्रयास किया है |

विकास एक बहुआयामी प्रक्रिया है जो बदलाव एवं प्रगति की प्रक्रिया से सर्वथा भिन्न है | यह प्रक्रिया समाज के सभी अंगों की सहभागिता के बिना पूर्ण नहीं हो सकती है, और यह तभी संभव है जब सरकार समाज के सभी वर्गों की सामाजिक, राजनैतिक, एवं आर्थिक सहभागिता सुनिश्चित करे | सरकार द्वारा प्रस्तुत बजट सिर्फ आर्थिक लेखा-जोखा से जुड़ी प्रक्रिया न होकर, राष्ट्र के विकास में समाज के विभिन्न वर्गों की सहभागिता सुनिश्चित करने की वह प्रक्रिया है जिससे राष्ट्र के सशक्तिकरण में मदद मिलती है | बजट से यह सुनिश्चित होता है कि सरकार देश को किस दिशा में ले जाना चाहती है, साथ ही सरकारी योजनाओं को क्या स्वरुप देना चाहती है ? सरकारी योजनाओं के संचालन का देश पर असर क्या होगा, एवं उन योजनाओं से देश की जनता एवं देश की सेहत पर क्या असर होगा ? यह  देखना भी सरकार का काम होता है जिसका आधार बजट रुपी कार्ययोजना पर निर्भर करता है | वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत यह बजट विकसित भारत की ओर बढ़ने का प्रयास है जिसके केंद्र में शिक्षा सुधार है तो स्वास्थ्य सुधार के उपाय भी हैं, पर्यटन को बढ़ावा देने की कार्ययोजना है तो वहीं निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक रुपी योजनाएं भी हैं | मोदी सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में जिस प्रकार से मातृभाषा को बढ़ावा देने की योजना को समाहित किया है, उसके लिए प्रस्तुत भारतीय भाषा पुस्तक योजना से मदद मिलेगी |

विगत एक दशक से सरकार ने शिक्षा सुधारों की ओर कई कदम बढ़ाये हैं जिससे वैश्विक पटल पर उपलब्ध अवसरों को ध्यान में रखकर तकनीकी एवं कौशल आधारित मानव संसाधन की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके | वर्तमान तकनीकी परिवेश में शिक्षा को तकनीकी से जोड़ने का प्रयास हो अथवा ३ ‘सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस इन ए आई’ को स्थापित करने की योजना, सरकार की दूरदृष्टि की ओर इशारा करता है | एक ओर सरकार का प्रयास है कि भारतीय भाषाओं एवं भारतीय ज्ञान परम्परा को महत्त्व मिले तो वहीं दूसरी तरफ सरकार वैश्विक चुनौतियों पर भी नजर रखे हुए है | सरकार यह जानती है कि भारतीय ज्ञान परम्परा राष्ट्रबोध के लिए आवश्यक है तो वहीं उसे यह भी पता है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस युग में भारतीय मानव संसाधन के लिए वैश्विक चुनौतियाँ क्या हैं ? मेडिकल एवं प्रौद्योगिकी शिक्षा क्षेत्र में विस्तार की योजना को केंद्र में रखकर सरकार ने ‘मेडिकल ट्यूरिज्म’ एवं अपनी ‘अन्तरिक्ष’ योजना को भी पंख लगाने का कार्य किया है | मेडिकल सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो या फिर नये आई आई टी संस्थानों की स्थापना, भविष्य को देखते हुए सकारात्मक कदम कहे जा सकते हैं | प्रस्तुत बजट में कृषि एवं किसानों की स्थिति को सुधारने से जुड़ी कई योजनाओं को सम्मिलित किया गया है जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा 5 लाख तक किये जाने, कृषि जगत को तकनीकी से जोड़ने सम्बंधित योजना, मखाना एवं कपास की खेती करने वाले किसानों के लिए विशेष योजना, कृषि उत्पादों के भण्डारण एवं विपणन से जुड़ी योजना प्रमुख है जिससे कृषि क्षेत्र के सशक्तिकरण में मदद मिलेगी, एवं किसानों की आय में भी बृद्धि होगी जिससे कृषि प्रधान देश भारत कृषि उत्पादों के उत्पादन, प्रबंधन, एवं विपणन से आवश्यक लाभ ले सकेगा | बजट में बिहार को विशेष महत्त्व दिया गया है, ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट एवं मखाना बोर्ड की योजना एक सार्थक कदम है |

सरकार के इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र को भी विशेष महत्त्व दिया गया है जिसमें जीवन रक्षक दवाओं में विशेष छूट, मेडिकल उपकरण को सस्ता करने का प्रयास, एवं मेडिकल छात्रों की संख्या बढ़ाकर स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूत करने जैसी योजनाएं सम्मिलित हैं | वर्तमान एवं भविष्य की स्वास्थ्य चुनौतियों को ध्यान में रखकर सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को विस्तार देने का प्रयास किया है जिससे भारतीय नागरिकों को आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें, साथ ही अन्य देशों के मरीजों को भी ‘मेडिकल ट्यूरिज्म’ की योजना से जोड़ा जा सके | सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को विस्तार देकर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह सबका साथ, सबका विकास के ध्येय को लेकर आगे बढ़ रही है जिससे भविष्य का भारत समृद्ध एवं सशक्त हो सके | जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाकर सरकार ने  स्वच्छ पेयजल को सुनिश्चित करने की ओर कदम बढ़ाया है तो वहीं आर्थिक गतिविधियों में महिला भागीदारी को बढ़ावा देने का भी प्रयास किया है | दलित एवं आदिवासी समाज को विकास प्रक्रिया से जोड़ने का प्रयास किया है तो वहीं लघु उद्योग को भी बढ़ावा देने का प्रयास किया है, स्टार्ट अप को प्रोत्साहित करने की योजना है तो वहीं धार्मिक महत्ता के पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने एवं लोगों को इस ओर आकर्षित करने की दृष्टि भी है | विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए वीजा नियमों को आसान बनाने की योजना से निश्चित रूप से लाभ मिलने की सम्भावना है |

निश्चित रूप से वर्तमान सरकार का यह बजट विकसित भारत के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए कदम के रूप में देखा जा सकता है | हालाँकि सरकार को दीर्घकालीन योजनाओं के साथ ही वार्षिक योजनाओं को भी केंद्र में रखना चाहिए जिससे एक निश्चित समयान्तराल में उसकी समीक्षा की जा सके |

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