रेत सी है ज़िन्दगी

 

रेत सी है ज़िन्दगी इसका ऐतबार नहीं  |

तेरे जाने के बाद जीवन में बहार नहीं   ||

हुई है मुहब्बत अश्कों से जबसे मुझे   |

इन आँखों को किसी का इन्तजार नहीं  ||

यूँ तो आये हैं कई ज़िन्दगी में आने वाले  |

तेरे जैसा मगर कोई यहाँ यार नहीं    ||

मेरे अक्स से मेरी मुलाक़ात हो जाये  |

दो पल का कोई ऐसा त्यौहार नहीं   ||

पतझड़ भी लगता है अब सावन सा |

खुशियों वाली रिमझिम फुहार नहीं  ||

जिंदा हूँ जब तक कोई जान न पायेगा  |

ज़िन्दगी से ‘दीप’ मुझे  प्यार नहीं  ||

 

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