रेत सी है ज़िन्दगी
रेत सी है ज़िन्दगी
इसका ऐतबार नहीं |
तेरे जाने के बाद
जीवन में बहार नहीं ||
हुई है मुहब्बत अश्कों
से जबसे मुझे |
इन आँखों को किसी
का इन्तजार नहीं ||
यूँ तो आये हैं कई
ज़िन्दगी में आने वाले |
तेरे जैसा मगर कोई
यहाँ यार नहीं ||
मेरे अक्स से मेरी
मुलाक़ात हो जाये |
दो पल का कोई ऐसा
त्यौहार नहीं ||
पतझड़ भी लगता है
अब सावन सा |
खुशियों वाली रिमझिम
फुहार नहीं ||
जिंदा हूँ जब तक
कोई जान न पायेगा |
ज़िन्दगी से ‘दीप’
मुझे प्यार नहीं ||
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