pappu ke pass hone ka matlab

२०१२ के चुनावी परीक्षा में पप्पू न सिर्फ पास हुआ है बल्कि पहले से कहीं बेहतर अंक भी जुटाने का कार्य किया है . इस चुनावी परीक्षा में एक तरफ जहाँ तमाम पप्पुओं ने अंक प्रतिशत को प्रथम श्रेणी तक पहुचाने का कीर्तिमान हासिल किया है वहीँ दूसरी तरफ वर्षों से अपने को बुद्धिजीवी समझने वालों को इशारा भी कर दिया है की दुबारा वो उन्हें पप्पू न कहें और न ही सोचें की पप्पू कैन नॉट...निर्वाचन आयोग जहाँ पप्पू के पास होने से खुश है वहीँ वर्षों से लोगों को पप्पू बनाने वाले नेताओं के माथे पर शिकन साफ तौर पर देखि जा सकती है . नेतागण भले ही वोट प्रतिशत में बढ़ोत्तरी को अपनी अपनी जीत से जोड़ रहें हो लेकिन अन्दर ही अन्दर उन्हें यह डर सता रहा है की कहीं पप्पू उनके कार्यों का लेखा जोखा न मांगने लगें. वर्षों से लोगों को पप्पू बनाकर उनके पैसे पर ऐश कर रहे नेताओ के लिए यह किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है . खोखले दावों और झूठे वादों से चुनावी वैतरणी पार करते नेताओं को इस बात का भी डर सताने लगा है कि कहीं गंगा उल्टी न बहने लगे . पप्पू  के जागने का  चुनाव आयोग जहाँ जश्न मना रहा है वहीं नेता बंधुओं कि नींद गायब हो गयी है .

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