कुर्सी का खेल

कुर्सी के खेल में बिछने लगी बिसात , हो रही है आज खूब वादों की बरसात
कोई कहता सबको  नौकरी देंगे , कोई कहता धरती पर लाने को कायनात
जात धर्म के नाम पर हो रहा ये खेल , झूठे वादों संग दिल्ली चली कुर्सी मेल
झूठ पुलिन्दा संग दौड़े  केजरीवाल , पल में बदल मुखौटा बदलें अपनी चाल
सोच रही जनता कैसे करें ऐतबार , मौसम सा  बदला जो अब तक सौ बार
सत्ता में १० साल रही अपनी  काँग्रेस, खूब घोटाले हुए पिछड़ा अपना  देश
पी एम की चुप्पी से जनता हुई नाराज़ , सोनिया सोचे राहुल को मिले ताज
मोदी के नाम पर बी जे पी मांगे वोट , सभी सूरमा मैदान में चढ़ा रखा लंगोट




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