हमने देखी है…
बदलते मौसम की बेरूखी हमने देखी है,
आँखों में दर्द और बेबसी हमने देखी है |
गुमान था जिसे सफलता के आसमां का,
सरकती हुई एक ज़िन्दगी हमने देखी है ||
होती है जो कभी उजाले में हरपल साथ,
अँधेरे में परछाईं की बेरूखी हमने देखी है |
प्यार में सराबोर थी जो ज़िन्दगी कभी,
प्यार की बूँद को तरसती हमने देखी है ||
अर्श से फर्श के दरमयां बदलते रिश्ते,
हिज्र-ए-शाम की मायूसी हमने देखी है |
बदल जाते पैमाने सिक्के की खनक से,
ऐसे मयखाने की मयकशी हमने देखी है ||
बदल जाते पैमाने सिक्के की खनक से,
जवाब देंहटाएंऐसे मयखाने की मयकशी हमने देखी है ||
बदलते मौसम की बेरुखी हमने देखी है।।
गजब लिखे हैं भाई साहब, हम तो बस यही कहेंगे
पत्रकार के कलम से निकलती
काव्य रसधार हमने देखी है
शानदार भावप्रवण कविता भईया 🙏🏻 ❤️
जवाब देंहटाएंवाह... बहुत शानदार...👌👌
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