सियासत का एक नया अध्याय लिखता महापौर चुनाव

 हिन्दुस्तान की सियासत का केंद्र राजधानी दिल्ली इन दिनों एमसीडी में महापौर चुनाव को लेकर चर्चा में है | वैसे तो दिल्ली का दंगल केन्द्रीय राजनीति की दिशा तय करता है परन्तु ऐसा पहली बार है जब मेयर के चुनाव ने हलचल पैदा कर रखा है | दिल्ली की जनता एमसीडी चुनाव में वोट देकर अपना काम कर चुकी है, मीडिया चुनावी उलटफेर की कहानी बता-बता कर थक चुकी है, राजनीतिक पण्डित मेयर के बारे में अटकले लगाकर शांत हो चुके हैं, परन्तु लगभग ३ महीने होने के बावजूद दिल्ली एमसीडी का सिंहासन अपने प्रतिनिधि की ओर टकटकी लगाये है | आम आदमी पार्टी एवं भारतीय जनता पार्टी के बीच चल रहा नूराकुश्ती का खेल समाप्त होने का नाम नहीं ले रहा | राजनीतिक विशेषज्ञों के तमाम आँकलन गलत साबित हो रहे हैं तो वहीं मुख्यमंत्री एवं लेफ्टिनेंट गवर्नर के बीच की तल्खी भी लगातार बढ़ती जा रही है जिसने चुने हुए पार्षदों की धड़कन भी बढ़ा दिया है | सड़क से लेकर सदन तक दोनों प्रमुख पार्टियों ने तरकश के सभी तीर आजमा कर देख लिया है, फिर चाहे गाली-गलौज जैसा अमर्यादित व्यवहार हो अथवा एक दुसरे के ऊपर कुर्सियाँ फेंकने जैसा असभ्य आचरण, धरना प्रदर्शन जैसी सियासी परम्परा हो या फिर पुतला फूंकने जैसा राजनैतिक नाटक, अपने-अपने राजनैतिक आकाओं को खुश करने के लिए राजनैतिक नर्सरी में ऊपजे नेताओं ने कोई कसर नहीं रखा है |

मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल राज्यपाल के ऊपर चुनी हुई सरकार के राह में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं राज्यभवन संविधान द्वारा प्रदत्त प्रावधानों के अनुरूप आचरण की बात कर रहा है | ४ दिसम्बर को सम्पन्न हुए एमसीडी चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पहली बार बहुमत के साथ जीत हासिल किया तो उसे लगा कि राज्य के साथ-साथ अब एमसीडी में भी वह भारतीय जनता पार्टी को पटखनी देगी, परन्तु लगभग ३ महीने हो जाने के बाद भी आम आदमी पार्टी की यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी है | १५ वर्षों से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी १०९ सीट जीतकर भले ही बहुमत के आंकडें से दूर रह गयी है परन्तु महापौर की सीट पर अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए उसने शतरंज की जो बिसात बिछाई है, १३४ सीट जीतकर बहुमत प्राप्त करने वाली आम आदमी पार्टी उलझकर रह गयी है | कांग्रेस ने अभी तक अपना पत्ता नहीं खोला है, और अपने ९ पार्षदों के बल पर अभी भी सियासी नफा-नुकसान को देखते हुए आगे का कदम उठाने की बात कह रही है |

विगत ६ जनवरी एवं २४ जनवरी को सदन में खूब हंगामा हुआ था, जिससे मेयर का चुनाव टल गया था | एलजी द्वारा मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल को मिलने के लिए बुलाये जाने के बाद यह उम्मीद की जा रही थी कि जल्द ही इस सियासी संकट का पटाक्षेप होगा | मेयर चुनाव के लिए निगम ने सदन की तीसरी बैठक के लिए लेफ्टिनेंट गवर्नर को प्रस्ताव भेजा था जिसके जवाब में उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने ६ फरवरी को चुनाव कराने के लिए निर्देश दिया है | पिछली दो बैठकों में हंगामे को देखते हुए आगे की राह भी आसान नहीं दिखती है | उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भाजपा नेतृत्व को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, उनका आरोप है कि भाजपा मेयर चुनाव नहीं होने देना चाहती है और किसी न किसी तरह से चुनाव में व्यवधान उत्पन्न कर रही है |

एक तरफ तो दिल्ली नगर निगम अपने मुखिया की प्रतीक्षा कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी उसका खजाना खाली ही है, ऐसे में न तो चुने जाने वाले महापौर की राह आसान होने वाली है और न ही एमसीडी की बाजी अपने नाम करने वाली पार्टी की, क्योंकि जैसे ही मेयर चुनाव संपन्न होगा उसे कर्मचारियों के सवालों से भी दो-चार होना होगा | कूड़े के ढेर से मुक्ति दिलाने एवं भ्रष्टाचार मुक्त एमसीडी का वादा करके बहुमत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी यह जानती है कि उसे अपने वादों को पूरा करने के लिए केंद्र के सहयोग की आवश्यकता पड़ेगी | एलजी ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं क्योंकि संवैधानिक अधिकार उन्हीं के पास है परन्तु जिस प्रकार से मुख्यमंत्री ने एलजी के ऊपर हमला बोला है और उनके ऊपर केंद्र के एजेंट के रूप में काम करने का आरोप लगाया है, यह सियासी दंगल इतनी आसानी से समाप्त होने वाला नहीं है |

एक तरफ तो आम आदमी पार्टी के पार्षद सदन में हंगामा करते हैं तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी महापौर का चुनाव जल्द से जल्द कराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया हुआ है | आम आदमी पार्टी की मुख्य आपत्ति मनोनीत सदस्यों द्वारा वोट डालने को लेकर है क्योंकि वह जानती है कि सभी मनोनीत सदस्य विपक्ष के प्रत्याशी को वोट करेंगे | उसे डर है कि कांग्रेस के ९ एवं निर्दल के ३ वोट के साथ मनोनीत सदस्यों का वोट उसका खेल बिगाड़ न दे, क्योंकि प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा जीत से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं दिखती है, और बहुमत के आंकडें से दूर रहने के बावजूद भी आम आदमी पार्टी को वाक-ओवर देने को तैयार नहीं है | भाजपा यह जानती है कि एक बार एमसीडी में आम आदमी पार्टी का मेयर बन गया तो दिल्ली विधानसभा में उसकी राह और भी मुश्किल हो जायेगी | अरविन्द केजरीवाल की पार्टी दिल्ली से भाजपा को हर हाल में हटाना चाहती है जिससे आने वाले समय में वह खुद को भाजपा के विकल्प के रूप में प्रस्तुत कर सके | हाल ही में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने के बाद तो पार्टी के हौसले और भी बुलंद हैं और पार्टी अपने विस्तार को आतुर दिखती है | हालाँकि भ्रष्टाचार को चुनावी हथियार बनाने वाली पार्टी आज भ्रष्टाचार के सवालों पर लगातार घिरती जा रही है, पार्टी के प्रमुख नेताओं पर भ्रष्टाचार के गम्भीर आरोप लगने से अरविन्द केजरीवाल पर भी प्रश्न उठ रहे हैं जिससे एमसीडी को भ्रष्टाचार मुक्त के उनके वादे को भाजपा एक जुमला बता रही है | यही नहीं प्रदूषण मुक्त स्वच्छ दिल्ली का वादा करने वाली आम आदमी पार्टी यह जानती है कि मेयर का चुनाव जीतते ही कूड़े के ढेर पर बैठी दिल्ली से जुड़े सभी सवालों का जवाब उसे हासिल करना होगा नहीं तो पिछले ८ वर्षों से सत्ता पर काबिज पार्टी खुद के बिछाये जाल में ही फँस जायेगी | एमसीडी पर दिल्ली की जनता से भेदभाव का आरोप लगाने वाले मुख्यमंत्री भलीभांति जानते हैं कि उनकी पार्टी का मेयर बनते ही आरोप लगाकर बच निकलने वाला ब्रह्माश्त्र उनसे छिन जायेगा, और दिल्ली की जनता के साथ ही विपक्षी पार्टियों के सवालों से बच निकलना मुश्किल होगा |

सियासी दंगल में किसी एक पार्टी की जीत होती है तो वहीं किसी दूसरी पार्टी की हार होती है, परन्तु महापौर के इस चुनाव में दोनों पार्टियों ने सियासत का जो अध्याय लिखा है, वर्षों तक पढ़ा जायेगा | आरोप-प्रत्यारोप की स्याही से लिखे हुए इस अध्याय का निष्कर्ष जो भी हो, भविष्य में इसको एक काले अध्याय के रूप में ही देखा जायेगा | अपनी लोकतांत्रिक मान्यताओं की कमजोर होती जड़ों को देखकर सदन भले ही मौन रहे, परन्तु जनभावनाओं की अनदेखी करने वाले राजनीतिक सूरमाओं ने जो दाँव खेला है वह न तो संविधान अनुरूप है और न ही लोकतंत्र 

टिप्पणियाँ

  1. राजनीति में कोई भी आए मेयर को श्रीमती संयुक्ता भाटिया जी से सीखना चाहिए लखनऊ की कायाकल्प ही बदल गयी है .
    Madam is 70 + and she gets up ar 4 a.m. and works till late night.
    Lucknow is shinning in new era.
    She is devoted to her duties.

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  2. Delhi Rajneeti ka iss samay ka drishay samaya hua h iss ek lekh me 🔥❤️

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