महादेव हमारे
देवों के देव महादेव जी निराले हैं |
करते हैं रक्षा जगत के रखवाले हैं ||
करके गरल-पान बचाया सभी को |
गंगा जटाओं में ये त्रिनेत्रों वाले हैं ||
काशी है प्यारी कैलाश पर बसेरा है |
गले में भुजंग तीनों लोकों में डेरा है ||
जितने गुसैल हैं उतने ही दयालु हैं |
कण-कण में व्याप्त ये डमरू वाले हैं ||
जीवन में माँगों जो मिलता है इनसे |
सच्चे हृदय से जो मांगे भक्त इनसे ||
नंदी सवार हो झट से चले आते हैं |
भक्त कभी जब संकट में बुलाते हैं ||
पार्वती पति हैं ये सभी रुद्रावतार हैं |
कर दें कृपा जिसपे उसकी नैया पार है ||
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