तेरी कहानी
लवों पे है जो मेरे तेरी अधूरी कहानी है |
आँखों में मेरे आज समन्दर का पानी है ||
रेत सी ज़िन्दगी फिसल रही है धीरे-धीरे |
लहरों की जद में जैसे कोई निशानी है ||
तूफ़ान है दिल में मेरे यादों का कारवां है |
किनारों सा साथ बस यही जिन्दगानी है ||
बुलाता है तेरा शहर वहाँ कई बार मुझे |
जिन गलियों में बिखरीं यादें सुहानी है ||
आ जाये कभी जब मेरी याद तुझे भी |
ख्वाबों में आकर एक रस्म निभानी है ||
मिलूँगा तुझे मैं तेरे हर मोड़ पर ‘दीप’ |
यादों की दिल में बस ज्योति जलानी है ||
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