विचार
विचारों से होता सृजन, विचारों में पलता प्रलय | विचार ही हानि कराते, विचारों से ही होता संचय || विचार ही हैं मन के साथी, रहते सदैव साथ हमारे | विचारों के गर्भ से ही, निकलते हमारे हर निर्णय || ये रूक गये तो हार तय, विचारों से मिलती विजय | क्रोध की अग्नि में, बन जाते हैं विचार अंगारे | पल भर में ही राख भी, कर जाते हैं रिश्ते सारे || युद्ध की पृष्ठभूमि यही, शान्ति की हैं जन्मभूमि | नवनीत से हैं मुलायम, कठोर हैं ये जैसे हिमालय || ये रूक गये तो हार तय......... काल से हैं मुक्त कराते, विचार ही हैं अमर कराते | रहते अमर दिलों में ये, यही दिलों पर राज कराते || अनंत अजर व अविनाशी, बनाते जन को सहभागी | विचार जिनके नेक हों, सम्मान मिलता है निश्चय | ये रूक गये तो हार तय......... घोर अन्धकार दिखाते, रश्मिरथियों सा सैर कराते | बनकर पथ प्रदर्शक ये, जीवन मूल्यों से भेंट कराते || आत्ममंथन और चिंतन, चाहे हों हमारे जीवन दर्शन | विचार केन्द्रित होकर मन, होता है ‘दीप’ जब चलय || ये रूक गये तो हार तय.........