राम मंदिर से बदलेगा आर्थिक परिदृश्य
आगामी २२ जनवरी को अयोध्या में संयम, मर्यादा,
संस्कार, धैर्य, एवं शिष्टता के प्रतिमूर्ति हिन्दुओं के आराध्य प्रभु श्री राम के
भव्य मन्दिर का प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है | वर्षों की प्रतीक्षा के बाद भगवान राम के इस मंदिर को पाकर
हिंदू समाज निहाल है तो वहीं अन्य धर्म के लोगों के लिए भी यह मंदिर सौगात से कम
नहीं है | राम मंदिर का निर्माण हिंदू समाज को आध्यात्मिक एवं भावनात्मक सुख की
अनुभूति करा रहा है तो वहीं वर्षों से उपेक्षित अयोध्या नगरी के कायाकल्प का आधार
भी बना है | अयोध्या के आस-पास के सभी जिलों को इससे फायदा मिलने की उम्मीद भी है
| दयनीय स्थिति में पहुँच चुका अयोध्या का रेलवे स्टेशन अपने आधुनिक रूप को
प्राप्त कर चुका है तो वहीं हवाई अड्डे के निर्माण ने इस जगह को भविष्य के बड़े
आध्यात्मिक पर्यटन के केंद्र में स्थापित करने का मार्ग प्रशस्त किया है | जर्जर
हाल में पहुँच चुकी सड़कें न सिर्फ पुनर्निर्मित हुई हैं अपितु इन्हें यात्रानुकुल
सभी सुविधाओं से परिपूर्ण भी किया जा रहा है जिससे उत्तर प्रदेश के अन्य सभी
धार्मिक स्थलों से अयोध्या तक की सुगम यात्रा सम्भव हो सके | इस पावन नगरी में
सरयू तट के सभी घाट नवनिर्माण की प्रक्रिया के बाद अपने नये स्वरूप को प्राप्त कर
चुके हैं, जिससे घाटों पर एक स्वच्छ वातावरण की अनुभूति की जा सकती है | मंदिर
परिसर के आस-पास के १० किलोमीटर के दायरे में जितना निर्माण कार्य अभी हो रहा है,
उससे आगामी वर्षों में इस पूरे क्षेत्र की तस्वीर एवं तक़दीर दोनों के बदलने की
सम्भावना है |
विगत कुछ वर्षों में हुए निर्माण कार्यों से इस
क्षेत्र की आर्थिक परिदृश्य को एक नया स्वरुप प्राप्त होगा जो जाति एवं धर्म के
बंधन से पूर्णतया मुक्त होगा | भारतीय समाज में प्राचीन काल से ही आध्यात्मिक
पर्यटन केंद्र को आर्थिक उन्नति के कारक के रूप में मान्यता रही है जिसे वर्तमान
भाजपा सरकार ने न सिर्फ समझा है अपितु उसपर अमल भी किया है | यही कारण है कि काशी
में बाबा विश्वनाथ एवं मिर्ज़ापुर में माता विंध्यवासिनी के मंदिर परिसर के
नवनिर्माण के साथ ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का स्वरुप अस्तित्व में आ चुका है
जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश का आर्थिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है एवं भविष्य में
इसके सुखद परिणाम की उम्मीद है | अयोध्या अब सभी प्रमुख शहरों से सड़क, हवाई, एवं
रेल-मार्ग से जुड़ चुका है जिससे न सिर्फ भारतीय अपितु विदेशी पर्यटक भी यहाँ तक
आसानी से पहुँच सकते हैं | आवागमन को आसान बनाकर सरकार ने न सिर्फ पर्यटन को आसान
किया है अपितु वर्षों से सुस्त पड़ी स्थानीय आर्थिक गतिविधियों में भी नया जान डाल
दिया है |
आगामी कुछ वर्षों में जिस गति से लोग राम मंदिर
में रामलला के दर्शन को जायेंगे, उसी गति से इस क्षेत्र में पर्यटन गतिविधियों को
भी बढ़ावा मिलेगा जिससे नये रोजगार सृजित होंगे | परिणाम स्वरुप नये रोजगार सृजित
होंगे, साथ ही आर्थिक उन्नति होगी | निश्चित तौर पर यह आर्थिक उन्नति जाति-धर्म से
पूर्णतया मुक्त होगी क्योंकि सृजित रोजगार क्षेत्र धार्मिक दायरे से पूर्णतया
मुक्त होंगे | यदि हम अयोध्या के आस-पास के जातीय एवं धार्मिक संरचना को देखें तो
यह स्पष्ट होता है कि यह क्षेत्र जातीय एवं धार्मिक अलगाव का खंडन करता है अर्थात
आस-पास के ५० किलोमीटर में विभिन्न जाति एवं संप्रदाय के लोग निवास करते हैं | निश्चित
तौर पर, लगभग १२१ वर्ग किलोमीटर के विस्तार वाले अयोध्या जिले का कायाकल्प इस जिले
के लिए वरदान साबित होगा | उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से अयोध्या की दूरी मात्र
१३५ किलोमीटर है जिसे इन दोनों शहरों के विस्तार एवं नये निर्माण कार्य लगातार कम
करने का प्रयास कर रहे हैं जिसमें नवनिर्मित होटल की संख्या भी सम्मिलित है | इस
क्षेत्र में रियल स्टेट व्यवसाय को एक नया जीवन मिल गया है जिससे प्रत्यक्ष अथवा
अप्रत्यक्ष रूप से हजारों लोगों को लाभ हुआ है जिसमें सभी जाति व धर्म के लोग
सम्मिलित हैं | आने वाले दिनों में अयोध्या पूरी तरह से ग्रीन सिटी एवं हेरिटेज
स्थल के रूप में विकसित हो जाएगी |
योगी सरकार भी मंदिर एवं पर्यटन के सम्बन्ध को
अच्छी तरह से समझती है, यही कारण है कि काशी में तमिल संगमम में सहभागिता कर रहे
लोगों को अयोध्या से जोड़ने का सरकारी प्रयास भी देखने को मिलता है | भगवान राम की
लोकप्रियता एवं मान्यता दक्षिण भारतीय लोगों में भी है जिसे सरकार उत्तर एवं
दक्षिण भारत के मध्य एक सेतु के रूप में देखती है | हथकरघा से लेकर खान-पान तक,
परिवहन से लेकर पर्यटन तक, धार्मिक सामग्री निर्माण से लेकर वस्त्र निर्माण तक,
होटल से लेकर धार्मिक अनुष्ठानों तक; अनेकानेक क्षेत्र हिंदू आस्था के इस केंद्र
से लाभान्वित होंगे जैसा कि हम विगत कुछ वर्षों में काशी में देख रहे हैं | राम
मंदिर का आकर्षण अपने आराध्य की एक झलक पाने को आतुर हिंदू समाज के करोड़ों लोगों
को अयोध्या तक खींच लायेगा जिससे अन्य समाज के लोगों के जीविकोपार्जन पर सकारात्मक
प्रभाव देखने को मिलेगा | सरकार इस पावन नगरी को नया रूप देने का अथक प्रयास कर
रही है एवं प्रयास कर रही है कि अधिकाधिक लोग इस पवित्र स्थल तक आसानी से पहुँच
सकें |
निश्चित रूप से राम मंदिर हिंदू आस्था के केंद्र
में है परन्तु देखा जाये तो यह उस क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को बदलने की
क्षमता रखता है | हमारी धार्मिक मान्यताएं जो भी हों, राजनैतिक जुड़ाव जो भी हों;
हमें हमारे धार्मिक एवं राजनैतिक चश्मे को किनारे रखकर राम मंदिर का स्वागत करना
चाहिए क्योंकि यह मंदिर रामराज्य की अवधारणा को बल प्रदान करता है जिसमें सबका हित
समाहित है | विशेष रूप से मंदिर निर्माण के साथ ही वर्षों से उपेक्षित इस क्षेत्र
में अनेकानेक आर्थिक गतिविधियों के संचालन का जो मार्ग प्रशस्त हुआ है वह आर्थिक
उत्थान के साथ ही सामाजिक उत्थान का संवाहक बनेगा | हमें आज यह समझना होगा कि राम
मंदिर का जितना धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व है उतना ही आर्थिक महत्त्व भी है |
👍👍👍👏👏
जवाब देंहटाएंYou have aptly written it sir. Lot of Socio- economic changes are on the cards in the region.. a well researched write up..
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया विश्लेषण
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