यादें

 


खट्टी मीठी बातों की वो कहानी याद है  |

पलकों पे ठहरा समन्दर सा पानी याद है ||

यूँ तो आये हैं मेरी ज़िन्दगी में तूफ़ान कई |

बिछड़े थे जब उनसे रात तूफ़ानी याद है ||

हिज्र-ए-शाम में उनका दूर जाना मुझसे |

परछाईयों की तरह रिश्ता निभाना मुझसे ||

ज्वार-भांटे की तरह आना और चले जाना |

दिल पर छोड़ी उनकी हर निशानी याद है ||

उनके एहसास से जुदा न हो पाया कभी |

दो साँसों के बीच जिन्हें था बसाया कभी ||

दूर चले जायेंगे मुझसे ‘दीप’ ये इल्म न था |

खो बैठे उनको मुझे मेरी नादानी याद है ||

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