जादू की छड़ी
बचपन में नानी से सुनी कहानियों में अक्सर जादू की छड़ी का जिक्र हुआ करता था । नानी बड़े प्यार से परियों के बारे में बताती और उनके छड़ियों की शक्ति के बारे में बताते हुए बुराई पर अच्छाई की जीत में उनकी महत्ता को रेखांकित करती । बचपन से ही बालमन में मेरे यह बात बैठ गयी थी की मुश्किल से मुश्किल काम भी जादू की छड़ी घुमाते ही पलक झपकते हो जाता है । जैसे- जैसे बड़ा हुआ , मुझे यह एहसास होने लगा की छोटा से छोटा काम भी बिना मेहनत किये नहीं होता । लेकिन aajमुझे यह सुनकर आश्चर्य हुआ की प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री और कृषिमंत्री जादू की छड़ी का इंतज़ार कर रहे हैं । प्रधानमंत्री जी कहते हैं की उनके पास भ्रष्टाचार समाप्त करने के लिए जादू की छड़ी नहीं है । जब भी देश की अवाम अपनी मुखिया के मुंह से ये शब्द सुनती है तो भ्रष्टाचार की आग में जल रही अवाम का दर्द और बढ़ जाता है । उसे विश्वास नहीं होता है की जिस व्यक्ति के २४२ करोड़ हाथ हैं वह इतना कमजोर कैसे हो सकता है । भ्रष्टाचार की आग में कुछ लालची नेता , चोर अफसर और तथाकथित समाज के ठेकेदार अपनी- आपनी रोंटियाँ सेक रहे हैं और निरीह जनता इस इंतज़ार में बैठी है की एक दिन हमारे प्रधानमंत्री जी के हाथ जादू की छड़ी लगेगी और वो उन्हें इस कष्ट से छुटकारा दिलाएंगे । महंगाई देश की जनता का खून जला रही है और हमारे वित्तमंत्री जी भी जादू की छड़ी के इंतज़ार में समय कान्त रहे हैं । समय-समय पर वो जनता को यह बताना नहीं भूलते हैं की फलां माह में महंगाई कम हो जाएगी । परन्तु इतने लम्बे कार्यकाल में इनको जादू की छड़ी एक बार भी नहीं मिली वरना महंगाई की मजाल की वह इनको चुनकर भेजने वाली जनता का खून चुसती । रही सही कसर कृषि मंत्री जी पूरा कर देते हैं। दो जून की रोटी के लिए तड़प रहे लोगो की पीड़ा तब और बढ़ जाती है जब मंत्री महोदय जादू की छड़ी मिलने का दावा अगली फसल तैयार होने तक का करते हैं । फसल तैयार होती है । गोदामों में पहुचती है और सड़ जाती है परन्तु भूख से बिलबिला रहे किसी गरीब के उदर तक अनाज नहीं पहुचता। जादू की छड़ी का इंतज़ार करते -करते इस देश की अवाम थक चुकी है। उसके द्धैर्य की परीक्षा ख़त्म होने को है । और हमारे माननीय छड़ी मिलने की अगली तारीख का आश्वाशन भी दे चुके हैं । माननीयों को पता है की ऐसे ही कार्यकाल समाप्त हो जायेगा । अब इन माननीयों को कैसे कोई समझाए की जिन समस्यायों को मिटाने के लिए ये जादू की छड़ी का इंतज़ार कर रहे है उन समस्यायों को मिटाने की ताकत जनता ने इन्हें पहले ही दे रखा है उन्हें चुनकर । जरुरत है तो बस इन माननीयों को १२१ करोड़ जनता अज विश्वास की ताकत पहचानने की । दृढ इच्छाशक्ति के साथ प्रयास करने की । क्योंकि बुराई कितनी भी बड़ी हो, अच्छाई के सामने उसका कद बौना ही होता है ।
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