दुनिया में उनका न होना
दिल को मेरे आज भी, इतना यकीं है |
मेरी दुनिया में अब भी, रहते वो कहीं हैं ||
छूकर पलकों को, हो जाता है एहसास |
चेहरा बस उनका, नज़र आता ही नहीं है ||
थाम लेते थे हाथ, जब लड़खड़ाते थे हम |
निराशा के भाव को, कर जाते थे वो कम ||
बेइंतहा दर्द में कल, चेहरे पर सिकन न थी |
दिल है उदास आज, मेरे आँखों में नमी है ||
ज्वार-भांटा समंदर सा, जब आये तूफ़ान |
हो गये थे खड़े वो, बनकर राह में चट्टान ||
हजारों की भीड़ 'दीप', अकेला कर देती है |
हुई जबसे दुनिया में मेरे, उनकी कमी है ||
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